गर्भावस्था के दौरान पेट के लिए एक्सरसाइज में सावधानियां
मां बनना किसी भी महिला के लिए एक सुखद एहसास है, माँ बनना
यानि एक नई दुनिया में प्रवेश करना। नई जिम्मेदायों से रु-ब-रु होना, लेकिन इस नई दुनिया में प्रवेश करने से पहले यह ज़रूरी है की गर्भावस्था के दौरान महिला अपनी उचित देखभाल करे ताकि न केवल बच्चा स्वस्थ पैदा हो बल्कि जच्चा भी अपने इस अनुभव का आनंद ले। आइये जानें गर्भावस्था के दौरान ऐसे कौन से व्यायाम किए जा सकते हैं, जिससे की प्रसव में परेशानी नहीं हो। पेट के लिए कसरत कौन-कौन सी करें।
मां बनना किसी भी महिला के लिए एक सुखद एहसास है, माँ बनना

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प्रसव के बाद व्यायाम |
गर्भावस्था के दौरान एक्सरसाइज में सावधानियांगर्भावस्था के दौरान टहलने, साइक्लिं ग और प्रशिक्षित शिक्षक की देखरेख में योगाभ्यास किया जा सकता है।
गर्भावस्था में व्यायाम करने से पहले ज़रूरी है आप अपने डॉक्टर की सलाह लें और यह जानें कि कौन सा व्यायाम आपको सूट करेगा।
सुरक्षित उदर कसरत के दौरान कभी भी पैरों पर दवाब नहीं आने दें।
पहली तिमाही के बाद ऐसे व्यायाम से बचें जिन में पीठ के बल लेटने की ज़रुरत होती है क्योंकि इससे आपको और आपके बच्चे तक ऑक्सीजन पहुँचने में दिक्कत हो सकती है।
पेट के लिए कसरत
पेट का संकुचन- इस कसरत को करने के लिए तकिए या बॉल की आवश्यकता पड़ती है। बॉल के सहारे लेट जाएँ, गहरी सांस लें ताकि आपकी छाती और पेट में हवा पूरी तरह भर जाये। फिर धीरे-धीरे हवा को निकाल दें। ऐसा करने से पेट में संकुचन नहीं होगा।
सुरक्षित उदर कसरत के दौरान कभी भी पैरों पर दवाब नहीं आने दें।
पहली तिमाही के बाद ऐसे व्यायाम से बचें जिन में पीठ के बल लेटने की ज़रुरत होती है क्योंकि इससे आपको और आपके बच्चे तक ऑक्सीजन पहुँचने में दिक्कत हो सकती है।
पेट के लिए कसरत
पेट का संकुचन- इस कसरत को करने के लिए तकिए या बॉल की आवश्यकता पड़ती है। बॉल के सहारे लेट जाएँ, गहरी सांस लें ताकि आपकी छाती और पेट में हवा पूरी तरह भर जाये। फिर धीरे-धीरे हवा को निकाल दें। ऐसा करने से पेट में संकुचन नहीं होगा।
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प्रसव के बाद व्यायाम |
पेडू को हिलाना-अपने हाथों और घुटनों के सहारे शरीर को संतुलित करें। अब पेट की मांसपेशियों को संकुचित कर पेडू को तिरछा करें। इस प्रक्रिया में इस बात का खास ख्याल रखें कि पीठ कर्व न हो। इस मुद्रा में कुछ सेकण्ड तक रहें।
बगल में झुकना-अपने हाथों और घुटनों के सहारे शरीर को संतुलित करें। अब शरीर को धीरे-धीरे बायीं और दायीं तरफ घुमाएँ।
रोल बैक-ज़मीन पर चौकड़ी मार कर बैठें। अब जितना आप पीछे जा सकती हैं उतना पीछे जाएँ। कुछ देर रुकें फिर वापस आयें। अगर ज़रुरत पड़े तो सहारे के लिए अपने हाथों को या तो घुटनों पर रखें या फिर ज़मीन पर।
व्यायाम के लाभ
बगल में झुकना-अपने हाथों और घुटनों के सहारे शरीर को संतुलित करें। अब शरीर को धीरे-धीरे बायीं और दायीं तरफ घुमाएँ।
रोल बैक-ज़मीन पर चौकड़ी मार कर बैठें। अब जितना आप पीछे जा सकती हैं उतना पीछे जाएँ। कुछ देर रुकें फिर वापस आयें। अगर ज़रुरत पड़े तो सहारे के लिए अपने हाथों को या तो घुटनों पर रखें या फिर ज़मीन पर।
व्यायाम के लाभ
- व्यायाम से पीठ दर्द में भी राहत मिलती है ।
- कब्ज की शिकायत रहने वाली महिलाओं के लिए भी व्यायाम अच्छा है ।
- व्यायाम करने से रक्तसंचार की समस्या नहीं रहती।
- आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान महिला सारे घरेलू काम तो करती हैं, लेकिन उनका नियमित हल्के-फुल्के व्यायाम करने पर ध्यान नहीं जा पाता। गर्भावस्था में स्वस्थ रहने के लिए जरूरी है कि हल्का-फुल्का व्यायाम ऐसा नहीं है कि आप न कि घरेलू कामकाज को ही व्यायाम
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