Tuesday, 17 March 2015

Mango, Orange and Apple fruits are useful for pregnant woman

गर्भवती स्त्री के लिए लाभकारी हैं आम, सेब और संतरे जैसे फल

गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को संतुलित भोजन करने की सलाह दी जाती है। गर्भावस्था के दौरान आप के आहार में विटामिन, कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन इत्यादि की मात्रा भरपूर होनी चाहिए। गर्भावस्था के दौरान फल और उनका जूस लेने की खास सलाह दी जाती है, जिससे गर्भवती महिला को पोषण मिल सकें।
गर्भवती महिलाओं के लिए फलों को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, चाहे बात ताज़े फलों की हो या ड्राई फ्रूट्स की। फलों में भरपूर मात्रा में विटामिन, कैल्शियम और आयरन होता है। मौसमी फल गर्भावस्था में बहुत अधिक फायदा करते हैं। आइए जानें गर्भवती महिलाओं के लिए फल कौन-कौन से खास उपयोगी हैं।
फलों के फायदे
  • http://www.jkhealthworld.com/hindi/%E0%A4%97%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A4%BE-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%AD%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A4%A8कुछ गर्भवती महिलाएं फलों को खाने के बजाय जूस लेना अधिक पसंद करती हैं, हालांकि जूस भी बहुत फायदेमंद होता हैं, लेकिन आप फलों को बगैर रस निकाले खाएंगी तो आपको ये अधिक लाभ देंगे।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए खुराक बढ़ाने का मतलब शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों को ज्यादा तथा इनके साथ टोटल कैलोरी की मात्रा को थोड़ा ही बढ़ाना चाहिए। बहुत से ऐसे फल हैं जो पौषक तत्वों की कमी को दूर करते हैं।
  • सन्तरा, अंगूर, आम, पपीता जैसे मौसम के फलों में खनिज लवण या विटामिन होते हैं जो गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को फिट रखते हैं और शरीर में खून की कमी को दूर करते हैं।
  • गर्भवती महिलाओं को आंखो के लिए 'विटामिन ए', बालों और दांतों और हडि्डयो के लिए कैल्शियम के अलावा 'विटामिन सी' की खास जरूरत होती हैं। ऐसे में उन्हें 'विटामिन ए' से भरपूर फल आम, पपीता, गाजर और विटामिन सी के स्रोत वाले फल आंवला, अमरूद, सन्तरा इत्यादि को लेना चाहिए। 'विटामिन सी' वाले फलों को दिन में दो से तीन बार भी लिया जा सकता है।
  • गर्भवती महिलाएं फलों के साथ-साथ ताकत बढ़ाने और मस्तिष्को को तेज करने वाले ड्राई-फूट्स जैसे- बादाम, काजू, किशमिश, अखरोट इत्याोदि भी ले सकती हैं। ये शिशु के पूर्ण विकास के लिए भी बहुत महत्वू्पर्ण होते हैं
  • कैल्शियम, विटामिन और प्रोटीन से भरपूर फल
  • गर्भावस्था के दौरान लिए जाने वाले फल जिनमें प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन और अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
  • http://www.jkhealthworld.com/hindi/%E0%A4%97%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A4%BE-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%AD%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A4%A8अनन्नास- कैल्शियम, पोटैशियम, विटामिन ए और सी, और फॉस्फोरस से भरपूर फल है।
  • सेब-क्लोरिन, तांबा, लोहा, मैगनीशियम, मॅन्गनीज तथा फोलिक ऐसिड सेब में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
  • पपीता-कैलशियम, क्लोरिन, लोह, पपेन, विटामिन सी और ए से भरपूर है।
  • संतरा-कैल्शियम, क्लोरिन, कॉपर, फ्लोरिन, लोहा, मॅन्गनीज, विटामिन बी1 और सी भरपूर है।
  • नाशपाती-फॉस्फोरस, विटामिन ए, विटामिन बी 1, बी 2, और पोटैशियम पाया जाता है।
  • स्ट्रॉबेरी-इसमें कैलशियम, लोहा, फॉस्फोरस, विटामिन सी और फायबर है।
  • ख़रबूज़ा-विटामिन ए, सी और बी कॉम्प्लेक्स सही मात्रा में पाए जाते हैं।
  • अंगूर-कैल्शियम, क्लोरिन और लोहा हैं।
  • तरबूज़-बहुत भारी मात्रा में खनिज पदार्थ, विटामिन और करीब नब्बे प्रतिशत पानी है।
  • आम-विटामिन ए, ई और सी, लोह से भरपूर है।
  • केला-पोटैशियम, सोडियम, फॉस्फोरस, विटामिन ए, बी1, बी1 और विटामिन सी होते हैं।
  • जामुन-आयरन, विटामिन सी और ए की प्रचुर मात्रा है।

जन्म के बाद छह महीने तक स्तेनपान बच्चे के लिए है सबसे पोषक आहार

जन्म के बाद छह महीने तक स्तेनपान बच्चे के लिए जरूरी


अक्सर देखा गया है कि डिलीवरी के बाद मां का खान-पान का ध्यान नहीं रखा जाता जो न केवल मां बल्कि बच्चे दोनो के लिए ही उचित नहीं है। प्रसव के बाद भी मां को स्वोस्थ  आहार की जरूरत होती है क्योंकि प्रसव के बाद मां का शरीर कमजोर होता है और उसे स्त नपान भी कराना होता है जो बच्चे के लिए सबसे उचित आहार है।
http://www.jkhealthworld.com/hindi/%E0%A4%A8%E0%A4%B5%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%A4-%E0%A4%B6%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%81-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%AD%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A4%A8प्रसव के समय खून का अधिक स्राव होता है इसलिए प्रसव के बाद मां को अधिक पोषणयुक्त  आहार लेना चाहिए। मां को खाने में ताजे फल और हरी सब्जियों के साथ-साथ साबुत अनाज और दालें खाना चाहिए। इसके साथ ही मां को बच्चे  के पोषण का भी ध्याकन रखना पड़ता है। जैसे ही बच्चाे 6 महीने का होता है स्त‍नपान के अलावा उसे अन्यो पूरक आहार भी देना शुरू कर देना चाहिए।
छह महीने तक
बच्चे के जन्म से लेकर अगले 6 महीने तक मां का दूध ही सबसे अच्छा आहार है क्योंकि मां का दूध बच्चे के पोषण की सभी जरूरतों को पूरा करता। स्तनपान करने वाले बच्चे दूध पीने के हर दो से तीन घंटे के बाद भूख महसूस करते हैं क्योंकि मां का दूध आसानी से पच जाता है जबकि दूसरे स्रोत पर पले बच्चों को जल्दी भूख महसूस नहीं होती। यदि बच्चे के जन्म के पहले हफ्तों में वजन नहीं बढ़ता है तो आपको बच्चे को बार-बार खिलाना चाहिए।   
छह महीने बाद
छह महीने के बाद आप अपने बच्चें को स्तनपान के साथ उसे अर्द्ध ठोस आहार देना शुरू कर सकते हैं। इस दौरान बच्चेब को दाल का पानी पिला सकते हैं। दाल के पानी में विटामिन और कैल्शियम होता है जो बच्चेच के विकास के लिए जरूरी है।
कब दें ठोस आहार
ठोस आहार की शुरुआत का समय हर बच्चे में भिन्न हो सकता है। यदि बच्चे को दूध पिलाने के बीच में भूख लगने लगे और निगलने लगे, साथ ही आपको लगे कि वह ठीक से पचाने में सक्षम है तो आप यह जान जाऐंगे कि अपका बच्चा अर्द्ध ठोस के लिए तैयार है। नए खाद्य पदार्थों की शुरुआत के साथ स्तनपान की आदत को बदलना नहीं चाहिए। अर्द्ध ठोस आहार मैश्ड या शोरबे के रूप में होना चाहिए। शिशुओं को एक घटक वाली दाल भी दी जा सकती है। अपने बच्चे को खिलाना एक झंझट वाला काम हो सकता है जिसमें अधिकतर खाना बच्चे के खाने की बजाय उस पर गिर सकता है।
http://www.jkhealthworld.com/hindi/%E0%A4%A8%E0%A4%B5%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%A4-%E0%A4%B6%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%81-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%AD%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A4%A8बच्चे के विकास के साथ खिलायें
बच्चे को खिलाते समय एक बिब का प्रयोग करें और खिलाने के लिए एक छोटे से चम्मच का ध्यान रखें। बच्चेम को जल्दीग में न खिलायें, बल्कि उसे आराम से धीरे-धीरे खिलायें। शुरू में वह केवल कुछ चम्मच खाना ही खाएगा या उसे खाने के लिए भी मना कर सकता है। बच्चे पर खाने के लिए दबाव न डालें इसके बजाय कुछ दिनों के बाद कोशिश करें। छह महीने की उम्र तक आपके बच्चे को दूध पीने के साथ तीन बार भोजन देना शुरू करना चाहिए। आप अपने बच्चे को फल और सब्जियां देना शुरू कर सकते हैं।
छह से नौ महीने के बच्चे
बच्चे के सात से आठ माह का होने पर आप जो भोजन उसे दे रहे हैं उसकी बनावट बदल सकते हैं। इस दौरान बच्चेा को दलिया भी दिया जा सकता है। नौ महीने तक बच्चा् हल्के  खाने को आसानी से पचा सकता है। लकिन ध्याआन रहे इस दौरान ज्याैदा गरिष्ठन और मसालेदार आहार बिलकुल न दें।
नौ महीने से एक वर्ष 
अपने बच्चे को दिन में तीन बार भोजन खिलाना जारी रखें। जब आपका बच्चा एक वर्ष का हो जाए तो आप अपने बच्चे को गाय का दूध भी पिला सकते हैं। अपने बच्चे को सभी स्वस्थ भोजन के विकल्प उपलब्ध कराएं और उसे अपने आप खाने के लिए प्रोत्साहित करें और इस समय आप उसकी निगरानी कर सकते हैं। ठोस आहार खाने से आपके बच्चे को प्यास अधिक लग सकती है। उसके एक वर्ष का होने के बाद एक सिपर लेने का विचार कर सकते हैं।

Care From unregulation maturation

अनियमित पीरियड आना कोई असामान्य घटना नहीं है। असामान्य पीरियड के कई कारण होते हैं जैसे तनाव, चिकित्सीय स्थिति, अतीत में सेहत का खराब रहना आदि। इसके अलावा आपकी जीवनशैली भी पीरियड पर खासा असर कर सकती है। पीरियड्स के दौरान, ज्यादा तला-भुना, चटपटा मसालेदार और खट्टा नहीं खाना चाहिए, इस समय आपको क्या खाना चाहिए, यह बहुत कम लोग ही जानते हैं। हम यहां आप को माह के उन दिनों के बारे में बताने जा रहे है जिससे आप साबधान रहें और अपने लाईफ को हैप्पी बनाए रखें।
http://www.jkhealthworld.com/hindi/%E0%A4%85%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%A4-%E0%A4%8B%E0%A4%A4%E0%A5%81
अधिकांशतः जिन वजहों से पीरियड्स अनियमित हो सकती है या पीरियड मिस हो सकते हैं वे हैं, अत्यधिक व्यायाम या डाइटिंग, तनाव, गर्भनिरोध गोलियों का सेवन, ऎंडोमिट्रिओसिस और प्रीमैच्योर ओवरी फेल्योर।
माह के इन दिनों में आप को चाहिए कि आप अपने रूटीन डायट में ढेर सारी ताजी सब्जियां, जैसे- हरी प्याज, पत्तगोभी, मैथी, पालक आदि सामिल करें। सब्जियों में कई प्रकार के विटामिन्स व मनिरल्स पाए जाते हैं, जिनसे हमारी बॉडी में पोषक तत्वों की कमी नहीं होती। पीरियड्स के इस समय में कैलोरीज की मात्रा भी कम होती है, जिससे आपका वजन भी नहीं बढता। इसके अलावा इसके एंटी-ऑक्सीडेंट्स बॉडी से टॉक्सिन्स को बाहर निकाल देते हैं। सब्जियों में पाए जानेवाले पोषक तत्व दर्द सेलडने में आपकी मदद करते हैं। हरी व पत्तेदार सब्जियों के अलावा हरी मटर, टमाटर, पत्तागोभी, एवोकैडो आदि के सेवन से माहवारी के दर्द में बहुत आराम मिलता है।
पीरियड्स के एक हफ्त पहले से ही खट्टी व ठंडी चीजें खाना बंद कर दें, क्योंकि इससे बॉडी में शिथिलता आ जाती है, जिसके कारण दर्द ज्यादा होता है। इन दिनों पाचनशक्ति कमजोर रहती है, उसे ठीक रखने के लिए पपीता खाएं। अनन्नास में ब्रोमलेन नामक एंजाइम होता है, जो दर्द में आराम दिलाता है, इसलिए अनन्नास खाएं ।
पीरियड्स में ज्यादा दर्द ना हो, इसलिए 1 कप पानी में अदरक का थोडा-सा रस मिलाकर 2 मिनट तक उबालें। उसके बाद थोडा-सा शहद मिलाकर पीएं। पीरियड्स के दौरान खाना खाने के बाद दिन में तीन बार इसका सेवन करने से पीरियड्स में कोई समस्या नहीं होती।