Monday, 23 March 2015

मूली के 20 लाभ जो आपके सेहत को बनाए स्वस्थ

आपकी सेहत को ये 20 लाभ पहुंचाती है मूली

1. पेट के लिए मूली बहुत लाभदायक होती है। पेट की कई बीमारियों में मूली का रस बहुत फायदेमंद होता है। अगर पेट में भारीपन महसूस हो रहा हो तो मूली के रस को नमक में मिलाकर पीने से आराम मिलता है।
2. पेशाब होने में दिक्कत हो तो मूली के रस का सेवन कीजिए। अगर अगर पेशाब आना बंद हो जाए या पेशाब में जलन हो तो मूली का रस बहुत फायदेमंद होता है। 
3. मूली खाने से लिवर मजबूत होता है। लीवर व स्लीहोतान (प्लीहा) के मरीजों को अपने दैनिक भोजन में मूली का जमकर सेवन करना चाहिए। 
4. गले की सूजन में मूली का पानी, सेंधा नमक को मिलाकर इसे गरम करें और फिर इससे गरारा कीजिए। इससे गले की सूजन कम होगी और फायदा होगा। 
5. मूली का रस दिल के लिए बहुत फायदेमंद होता है। मूली के रस से गला भी साफ होता है। 
6. मूली को घी भूनकर खाने से पित्तफ और कफ में फायदा होता है। 
7. मूली को हल्दी के साथ खाने से बवासीर में फायदा होता है। बवासीर के मरीजों को हर रोज मूली का सेवन करना चाहिए।
8. मूली दांतों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। मूली खाने से दांत मजबूत होते हैं। 
9. मूली में कैल्शियम पाया जाता है, इसलिए यह हड्डियों को भी मजबूत करता है। 
10. मूली के रस को अनार के रस में मिलाकर पीने से हीमोग्लोबिन बढता है। 
11. दमा और खांसी के मरीजों को मूली का सेवन करना चाहिए। खांसी आने पर सूखी मूली, काला नमक व जीरा मिलाकर बने काढे को पीने से फायदा होता है। 
12. मूली स्वयं हजम नहीं होती, लेकिन अन्य भोज्य पदार्थों को पचा देती है। भोजन के बाद यदि गुड़ की 10 ग्राम मात्रा का सेवन किया जाए तो मूली हजम हो जाती है।
13. मूली के रस में थोड़ा नमक और नीबू का रस मिलाकर नियमित रूप में पीने से मोटापा कम होता है और शरीर सुडौल बन जाता है।
14. सुबह-सुबह मूली के नरम पत्तों पर सेंधा नमक लगाकर खाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है। 
15. थकान मिटाने और अच्छी नींद लाने में भी मूली काफी फायदेमंद होती है। 
16. पेट के की़ड़ों को नष्ट करने में भी कच्ची मूली फायदेमंद साबित होती है। 
17. हाई ब्लड प्रेशर को शांत करने में मूली मदद करती है।
18. पेट संबंधी रोगों में यदि मूली के रस में अदरक का रस और नीबू मिलाकर नियम से पियें तो भूख बढ़ती है।
19. माना जाता है कि मूली खांसी बढ़ाती है। लेकिन यह गलत है। सूखी मूली का काढ़ा बनाकर जीरे और नमक के साथ उसका सेवन किया जाये, तो न केवल खांसी बल्कि दमे के रोग में भी लाभ होता है। 
20. त्वचा के रोगों में यदि मूली के पत्तों और बीजों को एक साथ पीसकर लेप कर दिया जाये, तो यह रोग खत्म हो जाते हैं। 
मूली हमारे पेट के हाजमें के लिए बड़ा ही उपयोगी होती है। मूली एक पाचक की तरह काम करती है। अगर आप खाने के साथ मूली का प्रयोग हर रोज करते हैं तो आपका पेट साफ रहेगा। 

एटलकिंस डायट प्लान से करें वजन कम

एटलकिंस डायट प्लान से करें वजन कम

वजन कम करने के लिए एटकिंस डाइट प्लान बहुत कारगर है जिसका लाभ कई भारतीय मशहूर हस्तियों ने भी उठाया।  यह लो-कार्बोहाइड्रेट और उच्च प्रोटीन वाली डाइट है। इसके अनुसार खाद्य पदार्थो को उपचार के लिए बताई गई दवा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है-जिसमें खाद्य पदार्थों का सही तालमेल दवाओं की तरह गुणकारी होता है। 
इस डाइट प्लाजन के तहत व्यक्ति अपने आहार में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को कम कर देता है और धीरे-धीरे इसे बढ़ाता है। इसके तहत असीमित मात्रा में फल व सब्जियों का सेवन भी शामिल है। यह डाइट वसा कम करने का सबसे उत्त म माध्यम है। इस आहार योजना में तीन तरह के भोजन और दो स्नैक्स होते हैं। स्नैक्स का सेवन दोपहर बाद और देर शाम रखा गया है। आइए हम आपको इस डाइट प्लाोन के बारे में विस्ताार से बताते हैं। 
एटकिंस डायट प्लाटन के जरिये वजन धीरे-धीरे कम होता है, इसलिए अन्यम विशेषज्ञ भी इस डायट प्लायन को शरीर के लिए फायदेमंद मानते हैं। इस आहार योजना में डायट प्लािन को कई हिस्से् में बांटा गया है। इसमें व्या याम पर ज्याोदा जोर नहीं दिया गया है। लेकिन इसके साथ कुछ पाबंदियां भी हैं, जिसका पालन करना अनिवार्य है। 
चरण 1  
इसके पहले चरण में आमतौर पर दो सप्ताकह के लिए होता है। एक से दो सप्ताह आपको 12 से 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट प्रतिदिन लेना होता है। इस दौरान आपको चिकन, रेड मीट, अंडे, पनीर, मछली, तेल, मसाले और जड़ी-बूटियों का सेवन नहीं करना है। इसके अलावा यदि आपने यह डाइट प्ला न शुरू किया है तो एल्कोजहल बिलकुल भी नहीं लेना है। सुबह के नाश्तेप में आप केले का सेवन कर सकते हैं, यदि आपको अंडा बहुत पसंद हो तो खा सकते हैं वो भी केवल सुबह के नाश्तेन में। दोपहर के भोजन में भूने हुए चिकन के साथ एक प्ले ट सलाद खाइए। रात के खाने में उबला या भूना हुआ चिकन के साथ हरी सब्जियों का सेवन कीजिए, नींबू के रस के साथ सलाद भी खा सकते हैं। इसके अलावा आप दिन में दो बार स्नैजक्सक भी ले सकते हैं। 
चरण 2 
एटकिंस डाइट प्ला न में आप अपनी नियमित कार्बाइाड्रेट की मात्रा को बढ़ाकर 25 ग्राम प्रतिदिन कर सकते हैं। इस आहार योजना परिणाम इसके दो सप्ताबह में दिखने लगता है। इसके दूसरे चरण में यानी दो सप्तायह बाद नाश्तेप में दो अंडों के साथ हरी सब्जियों और ताजे फलों का सेवन कर सकते हैं। दोपहर के खाने में पनीर, गोभी या बेकन के साथ सलाद, कटा हुआ अंडा या भुना हुआ तुर्की बर्गर खा सकते हैं। रात के खाने में मांस के साथ सब्जीा ले सकते हैं, इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है, स्नैेक्सब में कद्दू के बीज, फल और पनीर के टुकड़े खा सकते हैं। 
चरण 3 
इसके तीसरे चरण में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को दोबारा लेना शुरू करना होता है जो आपके आहार में पहले से शामिल था। इस दौरान आपका वजन कम होता है तब भी आप अपने डाइट में प्रत्येलक सप्तााह 10 ग्राम कार्बोहाइड्रेट शामिल कीजिए। एटकिंस डाइट प्लापन के तीसरे चरण में आप नाश्तेय में शुगर मुक्ता सीरप के साथ पतली रोटी खा सकते हैं। दोपहर के खाने में टूना मछली के साथ चिकन भी खा सकते हैं, इसके अलावा सूप, सलाद और फल भी दोपहर के खाने में शामिल कीजिए। रात के खाने में मछली, साबुत गेंहूं वाला पास्तार या ब्राउन राइस खाइए। तीसरे चरण में स्नैखक्स  में सूखे मेवे, फल, उबले अंडे खा सकते हैं। 
चरण 4 
इसके चौथे चरण यानी अंतिम चरण का पालन जीवनभर करना होता है, इसलिए इस चरण को लाइफटाइम मैंटेनेंस कहते हैं। इस चरण तक आप यह निर्धारित कर लेते हैं कि आपको कौन सा आहार सबसे ज्यासदा पसंद आया। इसके प्रत्ये क आहार में 10 से 20 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है, इसलिए आप अपने आहार को आसानी से चुन सकते हैं। इस चरण में ब्रेकफास्ट , लंच और डिनर में आप अपने हिसाब से आहार शामिल कर सकते हैं। अंडा, मांस, पनीर और पास्ता0 एक निश्चित मात्रा में खाने के कारण आपका वजन दोबारा बढ नहीं सकता है।

पेट के रोगी के लिए चावल सबसे अच्छा आहार


चावल लोगों के मुख्य भोजन में शामिल होता है, लेकिन क्या आपको पता है चावल सेहत के लिहाज से भी उपयोगी माना जा सकता है। यह पचने में आसान होता है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं चावल के फायदों के बारे में।
चावल जितना पुराना हो उतना ही स्वादिष्ट और ओज से भरा होता है। चावल को सब्जी, मछली और मांस के साथ खाया जाता है। चावल में प्रोटीन, विटामिन और खनिज होते हैं। आइए हम आपको चावल के गुणों के बारे में बताते हैं।
चावल के लाभ 
चावल के मांड यानी पकाते वक्त बचा हुआ सफेद गाढा पानी बहुत काम का होता है। उसमें प्रोटीन, विटामिन्स व खनिज होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं। इसलिए चावल को मांड सहित खाना चाहिए।
कमजोर पेट वालों के लिए चावल का मांड बहुत फायदेमंद है। चावल का मांड खाने से खाना पचाने में आसानी होती है। चावल में दूध मिलाकर 20 मिनट तक ढंककर रख दीजिए, फिर उसके खाइए ज्यादा फायदा होगा।
यदि डिनर में रोटी कम खाई जाए और चावल को प्रयेग ज्यादा किया जाए, तो यह हल्का भोजन आपके स्वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद होगा।
तीन साल पुराना चावल काफी स्वादिष्ट व ओजवर्धक होता है। इसलिए पुराने चावल का ज्यादा      प्रयोग करना चाहिए।
अगर पेट की समस्या हो तो चावल की खिचडी का सेवन करना चाहिए।
आतिसार और पेचिश पडने पर चावल खाना चाहिए। अतिसार में चावल को आंटे की लेई की तरह पकाकर उसमें गाय का दूध मिलाकर रोगी को सेवन कराएं, इससे अतिसार में फायदा होगा।
चावल और मूंग के दाल की खिचडी खाने से दिमागी विकास होता है और शरीर शक्तिशाली होता है।
दस्त होने पर चावल का प्रयोग करना चाहिए। चावल को दही के साथ खाने से दस्त में फायदा होता है।
यदि भांग का नशा ज्यादा हो गया हो तो चावल धोकर निकाले पानी में खाने का सोडा दो चुटकी व शक्कर मिलाकर पिलाने से नशा उतर जाता है।
अगर पेशाब में कोई समस्या हो तो चावल के धुले पानी में सोडा और शक्कर मिलाकर पीने से पेशाब की समस्या दूर हो जाती है। यही पेय मूत्र विकार में भी काम आता है।
माइग्रेन या आधासीसी की समस्या हो तो रात को सोने से पहले चावल को शहद के साथ मिलाकर खाने से लाभ होता है। एक सप्ता‍ह ऐसा करने से सरदर्द की समस्या समाप्त हो जाएगी।
यदि महिलाएं गर्भ निरोधक प्रयोग नहीं करना चाहती हैं तो चावल धुले पानी में चावल के पौधे की जड़ पीसकर छान लें। इसमें शहद मिलाकर पिएं। यह हानिरहित सुरक्षित गर्भनिरोधक उपाय है।
सावधानी – डायबिटीज होने पर चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
चावल खाने में भले ही स्वादिष्ट न हो लेकिन यह बहुत ही गुणकारी औषधि है। चावल के फायदे को आजमाते वक्त किसी कुशल वैद्य या चिकित्सक की सलाह अवश्य ले लीजिए।