Sunday, 22 March 2015

गर्भावस्था में भारतीय किस्म के शौच का प्रयोग करने से सामान्यभ प्रसव की बढ़ती है संभावना



Pregnant होने के बाद न केवल खान-पान का ध्या न रखना पड़ता है बल्कि दिनचर्या भी बदल जाती है। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक आपको हर बात का ध्यायन रखना पड़ता है। इस दौरान स्त्री वाशरूम का भी प्रयोग ज्याकदा करती है।
आजकल पश्चिमी स्टाइल के शौच हर घर में देखने को मिलते हैं। लेकिन गर्भावस्था के दौरान इस तरह के शौचालय का इस्तेमाल नुकसानदेह साबित हो सकता है। गर्भावस्था ऐसा समय होता है जब आपको कई सावधानियां बरतनी होती हैं। इस समय आपको सब कुछ अपने बदलते शरीर के अनुसार ही करना पड़ता है। भारतीय शौचालय के इस्तेमाल से आपको डिलवरी के समय कम समस्या होती है।
क्यों सुरक्षित है भारतीय शौच
http://www.jkhealthworld.com/hindi/स्त्री-और-पुरुषों-के-लिए-गर्भ-से-संबंधित-औषधिभारतीय शौचालय के इस्तेमाल में आप पैरों के सहारे उकडूं स्थिति में बैठते हैं जिससे उत्सर्जन अधिक तेज, और सरल ढंग से पूरा होता है। इस स्थिति में श्रोणि को आराम मिलता है और उत्सर्जन के लिए पर्याप्त दाब लग पाता है। भारतीय शौच से गर्भावस्था में होने वाली आम समस्या जैसे कब्ज़ और बवासीर की समस्या में भी आराम मिलता है।
डिलवरी में आसानी
रोजाना भारतीय शौच का इस्तेमाल करने पर डिलवरी में आसानी होने की संभवाना बढ़ जाती है। इसलिए डॉक्टरर्स भी pregnant स्त्री को इसकी सलाह देते हैं।पैरों पर बैठने से जननमार्ग उचित ढंग से खुल जाता है और शिशु नीचे की ओर खिसकता जाता है और ऊपर नहीं जाता। साथ ही इससे पेट और जांघों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और आपका शरीर प्रसव पीड़ा के लिए तैयार हो जाता है।
यह भी ध्यान दें
• शौचालय के आसपास पानी नहीं हो। इससे फिसलने का डर होता है।
• ऐसी चप्पलें पहनें जो फिसलें नहीं।
• शौचालय हवादार व रोशनीयुक्त होना चाहिए।
• यदि आपको बड़े पेट के साथ बैठने में असुविधा हो रही है तो शौच स्थल के निकट दीवार पर हैंडल लगवाएं।
• यदि आपकी गर्भावस्था में कोई परेशानी है तो भारतीय किस्म के शौच का इस्तेमाल न करें।
• यदि आपको भारतीय किस्म का शौच इस्तेमाल करने की आदत नहीं है तो इसका इस्तेमाल शुरू करने से पहले अपनी डाक्टर से बात करें।
• यदि आप शौचालय में असुविधा महसूस कर रही हैं जैसे चक्कर आना, दर्द महसूस होना तो तुरंत अपनी डॉक्टर से बात करें।
• शौचालय पर बैठे हुए टॉयलेट पेपर या पानी लेने के लिए शरीर पर खिंचाव न डालें।

Pregnancy के बाद ढीली त्वचा के लिए व्यायाम और खानपान



गर्भावस्था के बाद स्त्रीओं की त्वचा में स्ट्रेच मार्क्स व ढीलापन होना सामान्य बात है। अक्समर नौ महीने बाद जब स्त्रीएं अपनी त्वचा में आए इस बदलाव को देखती हैं तो वे परेशान हो जाती हैं। इससे निजात पाने के लिए वे कई तरह के नुस्खे आजामाने लगती हैं।
ज्यादातर स्त्रीओं के साथ यह समस्या आती  है, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान पेट की त्वचा सामान्य से ज्यादा फैलती है इसलिए शिशु के जन्म के बाद त्वचा में ढीलापन व स्ट्रेच मार्क्स आ जाते हैं, जो समय के साथ धीरे-धीरे जाते हैं। गर्भावस्था के बाद अक्सर स्त्रीएं अपने बढ़े हुए वजन को लेकर भी टेंशन में आ जाती हैं। यह सारी समस्याओं को आप चाहें तो आसानी से खत्म कर सकती हैं। इसके लिए जरूरी है खुद के लिए थोड़ा समय निकालने की। व्यायाम व कुछ आसान उपायों से आप फिर से पहले जैसी त्वचा पा सकती है। जानिए क्या हैं वे उपाय।
डिलीवरी के बाद फिट रहने के टिप्से
खाने पर दें ध्यान
गर्भावस्था के बाद अपनी आहार योजना में पोषक  तत्वोंै को शामिल करें। खाने में फाइबर युक्त आहार व प्रोटीन से भरपूर ची चीजें खाएं। ताजे फल व हरी सब्जियां आपको चुस्त दुरुस्त रखेंगे। लो फैट वाले डेयरी उत्पाद का प्रयोग करें। शाम के समय स्नैक्स का चुनाव करते हुए सावधानी बरतें। इस बात का खयाल रखें कि जो आहार आप ले रही हैं वो फैट फ्री हो। पानी ज्यादा से ज्यादा पीएं इसे शरीर में पानी की कमी नहीं होगी और शरीर से फैट व टॉक्सीन आसानी से बाहर निकलेंगे।
स्तनपान कराएं
स्तनपान आपको अपना पुराना फिगर हासिल करने में मदद करता है। यह धारणा बिल्कुल गलत है कि स्तनपान से आपके शरीर पर असर होगा। गर्भावस्था के दौरान जैसे-जैसे शिशु का विकास होता है गर्भाशय फैलने लगता हैजिससे त्वचा फैलती है। स्तनपान कराने से शरीर में ऑक्सीटोसीन नामक हार्मोंन बनता है जिससे गर्भाशय सिकुड़ता और वह गर्भावस्था के पहले के आकार में आ जाता है और आपको पहली जैसी त्वचा पाने में मदद मिलती है।
व्यायाम भी जरूरी
गर्भावस्था के बाद आप डॉक्टर की सलाह पर व्यायाम कर सकती हैं। अगर आपका ऑपरेशन हुआ है तो घाव भरने तक व्यायाम नहीं करना चाहिए। नियमित रुप से आधा से एक घंटा एरोबिक्स करनी चाहिए। आप चाहें तो हल्के व्यायाम से शुरुआत कर सकती हैं जैसे टहलना, स्वीमिंग आदि। व्यायाम से शरीर पर जमा अतिरिक्त फैट धीरे-धीरे कम होने लगा और आप पहले जैसी दिख सकें।
मल्टीविटामिन लें
डॉक्टर की सलाह से आप मल्टीविटामिन दवाएं भी ले सकती हैं जैसे विटामिन ए, विटामिन सी व विटामिन ई। इसमें कोलेजन होता है जिससे त्वचा में कसाव आता है। ये विटामिन त्वचा को स्वस्थ रखता है साथ ही त्वचा की नई कोशिकाओं को बनाने में मदद करता है जिससे त्वचा सुंदर दिखती है।