Pregnant होने के बाद न केवल खान-पान का ध्या न रखना पड़ता है बल्कि दिनचर्या भी बदल जाती है। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक आपको हर बात का ध्यायन रखना पड़ता है। इस दौरान स्त्री वाशरूम का भी प्रयोग ज्याकदा करती है।
आजकल पश्चिमी स्टाइल के शौच हर घर में देखने को मिलते हैं। लेकिन गर्भावस्था के दौरान इस तरह के शौचालय का इस्तेमाल नुकसानदेह साबित हो सकता है। गर्भावस्था ऐसा समय होता है जब आपको कई सावधानियां बरतनी होती हैं। इस समय आपको सब कुछ अपने बदलते शरीर के अनुसार ही करना पड़ता है। भारतीय शौचालय के इस्तेमाल से आपको डिलवरी के समय कम समस्या होती है।
क्यों सुरक्षित है भारतीय शौच

डिलवरी में आसानी
रोजाना भारतीय शौच का इस्तेमाल करने पर डिलवरी में आसानी होने की संभवाना बढ़ जाती है। इसलिए डॉक्टरर्स भी pregnant स्त्री को इसकी सलाह देते हैं।पैरों पर बैठने से जननमार्ग उचित ढंग से खुल जाता है और शिशु नीचे की ओर खिसकता जाता है और ऊपर नहीं जाता। साथ ही इससे पेट और जांघों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और आपका शरीर प्रसव पीड़ा के लिए तैयार हो जाता है।
यह भी ध्यान दें
• शौचालय के आसपास पानी नहीं हो। इससे फिसलने का डर होता है।
• ऐसी चप्पलें पहनें जो फिसलें नहीं।
• शौचालय हवादार व रोशनीयुक्त होना चाहिए।
• यदि आपको बड़े पेट के साथ बैठने में असुविधा हो रही है तो शौच स्थल के निकट दीवार पर हैंडल लगवाएं।
• यदि आपकी गर्भावस्था में कोई परेशानी है तो भारतीय किस्म के शौच का इस्तेमाल न करें।
• यदि आपको भारतीय किस्म का शौच इस्तेमाल करने की आदत नहीं है तो इसका इस्तेमाल शुरू करने से पहले अपनी डाक्टर से बात करें।
• यदि आप शौचालय में असुविधा महसूस कर रही हैं जैसे चक्कर आना, दर्द महसूस होना तो तुरंत अपनी डॉक्टर से बात करें।
• शौचालय पर बैठे हुए टॉयलेट पेपर या पानी लेने के लिए शरीर पर खिंचाव न डालें।
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