पहली बार सेक्स करने से संबंधी कई तरह के मिथ जुड़े हुए हैं जिसकी वजह से अक्सर लड़रियों रे मन में यह सवाल रहता है कि क्या संभोग के दौरान दर्द होना सामान्य है। लोगों का ऐसा मनोविज्ञान है कि पहले संभोग के समय में लड़कियों को काफी दर्द का सामना करना पड़ता है। इस दौरान ब्लीडि़ग को लेकर भी अनेक तरह की भ्रांतियां हमारे समाज में मौजूद हैं। क्या सचमुच पहला संभोग कष्टदायक होता है? संभोग करने की स्थिति से भी दर्द का कुछ नाता है? ऐसे कुछ भ्रम लोगों के मन में अकसर रहते हैं। कैसे आप इस दर्द से
निजात पाकर सेक्स संबंधों का आनंद ले सकते हैं और अपने रिश्तों को सामान्य बना सकते हैं। आइए इन पोस्ट के द्वारा हम आप को सेक्स से संबंधी मिथ औप सचाई के बारे में जाने-
संभोग के दौरान होने वाले दर्द को मेडीकल की भाषा में दाईस्पेरेनिया कहते हैं। यह ऐसा दर्द है जो एक बार होने पर बार-बार हो सकता है और इस दर्द का असर महिला-पुरूषों के रिश्ते पर बहुत बुरा पड़ता है।
क्यों होता है दर्द-
वास्तव में पहली बार संभोग के समय स्त्री को होने वाले दर्द का मुख्य कारण योनि का बहुत ज्यादा टाइट होना होता है। ऐसा तब होता है जब योनि की मांसपेशियां खींच जाती हैं और उनमें सूजन आ जाती है। ऐसी स्थिति में संभोग के समय स्त्री को बहुत अधिक दर्द होता है। ऐसा उन स्त्रियों के साथ होने की संभावना रहती है जो सेक्स संबंधों को बहुत बुरा मानती हैं और संभोग के समय पुरूष के साथ सहयोग नहीं करती। इसका मनोवैज्ञानिक असर यह होता है कि संभोग के समय योनि की मांसपेशिया सिकुड़ जाती हैं और परिणाम स्वरूप स्त्री को तेज दर्द का सामना करना पड़ता है।
इसके अतिरिक्त योनि में किसी भी तरह का इंफेक्शन भी संभोग के समय दर्द का एक बहुत बड़ा कारण हो सकता है। अकसर योनि के आकार में परिवर्तन हो जाता है जिसे एंड्रियोमेट्रियोसिस कहते हैं। यदि आपको भी संभोग के दौरान दर्द होता है तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उचित जानकारी एवं उपचार करवाएं।
संभोग के दौरान होने वाले दर्द का एक मनोवैज्ञानिक कारण भी है। लड़कियों की परवरिश बचपन से ही इस तरह से की जाती है कि सेक्स को लेकर उनके मन में डर बैठ जाता है। वह सेक्स के नाम से ही घबराने लगती हैं और उन्हें अपनी किशोरावस्था और युवावस्था के दौरान यह भी सुनने को मिलता है कि पहली बार किया गया संभोग बहुत कष्टदायक होता है और इस दौरान खूब ब्लीडिंग भी होती है। लंबे समय तक यह भी माना जाता रहा है कि यदि पहली बार संभोग के दौरान ब्लीडिंग ना हो तो लड़की पहले सेक्स कर चुकी है। ये तमाम बातें लड़की के मन में मनोवैज्ञानिक रूप से संभोग के प्रति डर पैदा कर देती है और इस तरह की लड़कियों को पहली बार संभोग के दौरान अकसर दर्द की शिकायत होती है।
यदि आप चाहते हैं कि आपको संभोग के दौरान दर्द ना हो तो आपको कुछ सेक्स पोजीशंस का इस्तेमाल पहली बार संभोग के दौरान करना चाहिए और आपको अपने मन से संभोग में होने वाले दर्द व अन्य मिथों को दूर कर देना चाहिए।

संभोग के दौरान होने वाले दर्द को मेडीकल की भाषा में दाईस्पेरेनिया कहते हैं। यह ऐसा दर्द है जो एक बार होने पर बार-बार हो सकता है और इस दर्द का असर महिला-पुरूषों के रिश्ते पर बहुत बुरा पड़ता है।
क्यों होता है दर्द-
वास्तव में पहली बार संभोग के समय स्त्री को होने वाले दर्द का मुख्य कारण योनि का बहुत ज्यादा टाइट होना होता है। ऐसा तब होता है जब योनि की मांसपेशियां खींच जाती हैं और उनमें सूजन आ जाती है। ऐसी स्थिति में संभोग के समय स्त्री को बहुत अधिक दर्द होता है। ऐसा उन स्त्रियों के साथ होने की संभावना रहती है जो सेक्स संबंधों को बहुत बुरा मानती हैं और संभोग के समय पुरूष के साथ सहयोग नहीं करती। इसका मनोवैज्ञानिक असर यह होता है कि संभोग के समय योनि की मांसपेशिया सिकुड़ जाती हैं और परिणाम स्वरूप स्त्री को तेज दर्द का सामना करना पड़ता है।

संभोग के दौरान होने वाले दर्द का एक मनोवैज्ञानिक कारण भी है। लड़कियों की परवरिश बचपन से ही इस तरह से की जाती है कि सेक्स को लेकर उनके मन में डर बैठ जाता है। वह सेक्स के नाम से ही घबराने लगती हैं और उन्हें अपनी किशोरावस्था और युवावस्था के दौरान यह भी सुनने को मिलता है कि पहली बार किया गया संभोग बहुत कष्टदायक होता है और इस दौरान खूब ब्लीडिंग भी होती है। लंबे समय तक यह भी माना जाता रहा है कि यदि पहली बार संभोग के दौरान ब्लीडिंग ना हो तो लड़की पहले सेक्स कर चुकी है। ये तमाम बातें लड़की के मन में मनोवैज्ञानिक रूप से संभोग के प्रति डर पैदा कर देती है और इस तरह की लड़कियों को पहली बार संभोग के दौरान अकसर दर्द की शिकायत होती है।
यदि आप चाहते हैं कि आपको संभोग के दौरान दर्द ना हो तो आपको कुछ सेक्स पोजीशंस का इस्तेमाल पहली बार संभोग के दौरान करना चाहिए और आपको अपने मन से संभोग में होने वाले दर्द व अन्य मिथों को दूर कर देना चाहिए।
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