Thursday, 19 March 2015

गर्भावस्था को प्रभावित कर सकता है उच्च रक्तरचाप

गर्भावस्था को प्रभावित कर सकता है उच्च रक्तरचाप

Pregnancy में उच्चा रक्तचाप सबसे आम समस्या है। Pregnancy के दौरान हाई ब्लेड प्रेशर का सीधा प्रभाव स्त्री और भ्रूण पर पड़ता है।
Pregnancy के दौरान उच्चर रक्तचाप की समस्या स्त्रिओं के लिए खतरनाक हो सकता है। Pregnancy के दौरान ब्ल्ड प्रेशर अधिकतर तनान के कारण होता है।
आमतौर पर देखा जाता है कि गर्भावस्था में स्त्रिओं में उच्च रक्तचाप अगर मां बनने के बाद ठीक हो जाए तो इसका कोई दीर्घकालिक प्रभाव नहीं होता है। 

Pregnancy में उच्च  रक्तचाप

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Pregnancy में यदि हाई ब्लरड प्रेशर की समस्या लंबे समय से हो तो यह दीर्घकालिक उच्च रक्तचाप या क्रॉनिक हाइपरटेंशन कहलाता है। यदि हाई ब्लरड प्रेशर की समस्या  pregnancy के 20 सप्ताह बाद, प्रसव में या प्रसव के 48 घंटे के भीतर होता है तो यह प्रेग्नेंसी इड्यूस्ड हाइपरटेंशन कहलाता है। इस दौरान यदि रक्तचाप 140/90 या इससे अधिक है तो स्त्री और बच्चे दोनों को परेशानी हो सकती है। इससे मरीज एक्लें प्शिया में पहुंच सकता है, यह एक प्रकार की जटिलता है जिसमें स्त्री को झटके आने शुरू हो जाते हैं।
स्त्रिओं में pregnancy के हाई ब्ल ड प्रेशर की समस्यां बहुत देखी जाती है। भ्रूण के विकास के साथ यह समस्यां गंभीर होती जाती है। Pregnancy के दौरान यदि भोजन में पौष्टिक खाद्य पदार्थों का अभाव है तो स्त्रियां खून की कमी का शिकार होती हैं। शरीर में खून की कमी से फीटस का विकास रुक जाता है। इससे मिसकैरेज होने की संभावना भी बनी रहती है।
Pregnancy के दौरान हाई ब्लमड प्रेशर तीन प्रकार का होता है- क्रोनिक हाइपरटेंशन, गेस्टेचशनल हाइपरटेंशन और प्रीक्लेंदप्शिया। 

Pregnancy में हाई ब्लयड प्रेशर के खतरे  

  • Ppregnancy के दौरान उच्च् रक्त चाप के कारण बच्चेत का विकास बाधित हो सकता है। बच्चेr के लिए जरूरी विटामिन और प्रोटीन नही मिल पाता। इसका असर होने वाले बच्चेि के वजन पर भी पड़ता है। 
  • हाइपरटेंशन के कारण गर्भनाल को नुकसान हो सकता है। कुछ मामलों में गर्भनाल गर्भाशय से अलग हो जाता है। इसके कारण बच्चेो की ऑक्सीमजन की आपूर्ति बाधित होती है। स्त्री को रक्तणस्राव भी हो सकता है।
  • Pregnancy के दौरान हाई ब्ल ड प्रेशर से समय से पूर्व डिलीवरी होने की संभावना बढ़ जाती है। 
  • यदि स्त्री को pregnancy के दौरान हाई ब्लवड प्रेशर की समस्याढ है तो प्रसव के 20 सप्ताैह बाद हृदय की बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है। 
  • Pregnancy के दौरान उचित खानपान और नियमित चेकअप के जरिए इसकी जटिलताओं को कम किया जा सकता है। यदि आपको इस दौरान हाइपरटेंशन के लक्षण दिखें तो चिकित्सतक से तुरंत संपर्क कीजिए।

Amazing benefits of Pregnancy

Pregnancy के आश्चलर्यजनक लाभ

Pregnancy के दौरान स्त्री का शरीर कई बदलावों से गुजरता है लेकिन अनेक परेशानियों के बाद pregnancy के कई आश्च र्यजनक लाभ भी होते हैं जो हार्मोन में बदलाव के कारण होता है। गर्भावस्था के दौरान शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के बदलाव होते हैं।
Pregnant होने के बाद स्त्री के कुछ सामान्य  लक्षण दिखते हैं, जैसे - वजन बढ़ना, मॉर्निंग सिकनेस, मितली आना, अटपटा खाने की इच्छास आदि। Pregnancy के बाद ऐसे परिवर्तन सामान्य, हैं। आइए हम आपको pregnancy के कुछ आश्चार्यजनक लाभों के बारे में बताते हैं जिनके बारे में आप नही जानते।

Pregnancy के आश्चर्यजनक लाभ

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मानसिक स्वस्थता   
प्रेग्नेंवट होने के बाद मॉर्निंग सिकनेस, थकान, स्ट्रेेच मार्क्सं, लेग क्रैंप्स  जैसी समस्या यें होती हैं, लेकिन इन तकलीफों के बाद भी स्त्री को मानसिक रूप से मजबूत बनती है। न्यूटयार्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी द्वारा किये गये एक शोध के मुताबिक, 'pregnancy के दौरान मतली, थकान जैसी समस्या्ओं के बावूजद भी दूसरे और तीसरे ट्राइमेस्टgर में स्त्रीयें खुद को ज्यायदा ऊर्जावान महसूस कर रही थीं।'
यौन इच्छाम का बढ़ना 
Pregnant होने के बाद स्त्रीओं में यौन संबंध बनाने की इच्छाे प्रबल हो जाती है। pregnancy के दौरान यौन संबंध बनाने के कई फायदे होते हैं। यदि दूसरी तिमाही में यौन संबंध बनाया जाये तो गर्भाशय के आस-पास के क्षेत्र में रक्तस संचार अच्छें से होता है। कुछ स्त्रीओं को इस समय यौन संबंध बनाने में चरम आनंद मिलता है। इसके अलावा pregnancy के दौरान यौन संबंध बनाना एक अच्छा  व्यादयाम भी है।
स्वास्थ्य बनाये रखने की चाहत 
Pregnant होने के बाद स्त्री को अतिरिक्तध देखभाल की जरूरत पड़ती है, इसलिए स्त्री खान-पान और दिनचर्या के प्रति ज्याादा सजग हो जाती है। pregnancy के बाद स्त्री को ज्यािदा पोषणयुक्तम आहार खाना जरूरी होता है। इसके साथ ही नियमित रूप से जांच भी जरूरी हो जाता है। pregnancy के दौरान धूम्रपान और शराब पीने जैसी बुरी आदतें छूट जाती हैं और यही आदत बाद में भी बनी रहती है। जिसके कारण प्रसव के बाद भी स्त्री अपने स्वाआस्थ  के प्रति जागरुक रहती है।
कैंसर का खतरा कम होना
जो स्त्री pregnant होती है उसे स्त न और डिंबग्रंथि (ओवेरियन) कैंसर के होने का खतरा कम होता है। हार्वर्ड मेडिकल स्कू ल द्वारा कराये गये अध्य यन में यह बात सामने आयी है कि तीन महीने से ज्याैदा स्तिनपान कराने वाली स्त्रीओं को कैंसर (खासकर ब्रेस्टय कैंसर) होने की संभावना कम होती है।
इंद्रियो में बदलाव
Pregnancy में हार्मोंस में बदलाव के कारण इंद्रियो में भी बदलाव होता है। pregnant स्त्री की सूंघने क्षमता बढ़ जाती है। स्त्री की स्वा द लेने वाली ग्रंथि भी प्रभावित होती है। एस्ट्रो जन हार्मोन के कारण सूंघने की क्षमता बढ़ती है।
आत्माविश्वा्स बढ़ना 
Pregnancy के दौरान स्त्री का कांफिडेंस का स्त र बढ़ जाता है, pregnancy को 'यूनीक कांफीडेंस बिल्डaर' भी कहा जाता है। Pregnancy के दौरान स्त्रीयें कई प्रकार के घरेलू कामकाज करती हैं जिससे उनकी काम करने की क्षमता बढ़ती है।
Pregnancy के दौरान होने वाले परिवर्तनों और जटिलतओं के अलावा भी गर्भधारण करना अपने आप में अच्छा  एहसास है। लेकिन pregnancy के दौरान होने वाले किसी भी परिवर्तन के बारे में अपने चिकित्स क से सलाह अवश्यह लें।