Thursday, 12 March 2015

What falling in love does to your heart and brain

क्या प्यार में डूबा रहता है दिमाग

अक्सर ये देखा गया है कि जब कोई किसी से प्यार करता है तो वे हमेशा ही उसकी यादों में ही खोया रहता है। उसके दिमाग में हमेशा ही प्यार ही घूमता रहता है। ऐसे में सवाल आता है कि

http://www.jkhealthworld.com/hindi/%E0%A4%97%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A4%BE

क्या प्यार में दिमाग डूबा रहता है। क्या प्यार में आप किसी को अपना दिल दे चुके हैं? अगर हां, तो एक बात और गौर कीजिए। वैज्ञानिकों के मुताबिक प्यार में इंसान दिल ही नहीं, दिमाग भी दे बैठता है।


शोधकर्ताओं के मुताबिक प्यार में दिल की तरह दिमाग भी अहम भूमिका निभाता है। शोधकर्ताओं ने पूर्व में प्यार को समझने के लिए मस्तिष्क पर हुए शोधों का भी विश्लेषण किया। उन्होंने पाया कि किसी को चाहने के दौरान दिमाग के 12 क्षेत्र एक साथ काम करते हैं।
प्रमुख शोधकर्ता स्टेपहेनी आर्टीग्यू के मुताबिक किसी के प्यार में पड़ने में एक सेंकेंड काhttp://www.jkhealthworld.com/hindi/%E0%A4%97%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A4%BE

पांचवा हिस्सा लगता है। शोधकर्ताओं ने पाया जब कोई व्यक्ति किसी के प्यार में पड़ता है, तो मस्तिष्क के विभिन्न हिस्से कई रसायन जैसे ऑक्सीटोसिन (इन्हें 'लव हार्मोन' भी कहते हैं), एडरनालीन और वासोप्रैसिंग स्रावित करते हैं, जो आक्रामकता का कारण होते हैं। अन्य शोधों के मुताबिक रक्त में नर्व ग्रोथ फैक्टर नामक प्रोटीन मस्तिष्क की कोशिकाओं के रखरखाव और अस्तित्व के लिए जिम्मेदार होता है। शोधकर्ताओं की माने तो प्यार में अक्सर लोग दिल के साथ दिमाग भी दे देता है और हम समय अपने प्यार के बारे में ही सोच कर खोये रहते हैं।

Exercise that help to reduce the labour pain

लेबर पेन से राहत दिलाने वाले व्यायाम

बच्चे के जन्म के समय प्रसव पीड़ा अर्थात लेबर पेन होना तो स्वाभाविक है। यह सभी गर्भवती स्त्री के लिए कष्टकारक होता है। अपने जीवन में सभी स्त्री गर्भवती स्त्री को यह लेबर पेन झेलना पड़ता http://www.jkhealthworld.com/hindi/%E0%A4%97%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A4%BE-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%B5%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%AEहै। इस पेन से कोई नहीं बच सकता है लेकिन इस लेबर पेन को एक्सरसाइज के द्वारा कुछ हद तक कम अवश्य किया जा सकता है। इस दर्द की सबसे बड़ी वजह डिलीवरी के बारे में पूरी जानकारी न होना होती है।
अगर गर्भावस्था के दौरान आहार और भ्रूण के स्वास्‍थ्‍य के साथ-साथ लेबर पेन ( प्रसव पीड़ा) के बारे में सही जानकारी मिल जाए तो डिलीवरी के समय मन उतना आशंकित नही होता है।

http://www.jkhealthworld.com/hindi/%E0%A4%97%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A4%BE-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%B5%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%AEवर्कआउट – प्रसव पीड़ा से बचने के लिए गर्भवती स्त्री को कमर और जांघ की मांसपेशियों को मजबूत बनाने वाले व्यायाम करना चाहिए। इससे भ्रूण नीचे की ओर जाता है और बर्थ कैनल में उसका सिर फिट हो जाता है जिससे डिलीवरी के समय बच्चे का जन्म आसानी से होता है।
स्ट्रेथनिंग व्यायाम – गर्भावस्था के समय शरीर के कमर वाले इस हिस्से पर सबसे ज्यादा दबाव रहता है इसलिए प्री-प्रेगनेंसी में अक्सर स्त्रियों को कमर दर्द की शिकायत होती है। लेबर पेन के दौरान कमर दर्द से बचने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाइए, उसके बाद दोनों हाथों को ऊपर कीजिए। अब सिर को नीचे ले जाते हुए कमर ऊपर उठाइए। कुछ समय तक इस स्थिति में रहिए, फिर सामान्य स्थिति में आइए। इस एक्सरसाइज को 10  से 15 बार कीजिए। ऐसा करने से लेबर पेन के दौरान होने वाले कमर दर्द कम होता है।
http://www.jkhealthworld.com/hindi/%E0%A4%97%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A4%BE-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%B5%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%AEक्रैम्‍पस के लिए - गर्भावस्था में अक्सर स्त्रियों को कमर के साथ-साथ पैरों में भी दर्द होने की शिकायत रहता है। पैरों के दर्द से बचने के लिए दोनों हाथों से खुद को सहारा देते हुए दीवार की तरफ मुंह करके खड़े हो जाइए। एक टांग को आगे की तरफ लेकर आइए और लगभग 90 डिग्री का कोण बनाने की कोशिश करें। इस बीच दूसरी टांग को खींचिए और दोनों पैरों को जमीन पर सपाट रखिए। एक पैर के साथ इस क्रिया को 10 से 15 सेकेंड कीजिए। उसके बाद दसरे पैर के साथ भी वैसा ही करें।
मसाज के द्वारा - लेबर पेन को कम करने के लिए मसाज बहुत अच्छा तरीका हैइससे दर्द बहुत कम होता है। लेबर पेन होने के दौरान खुद से या किसी के द्वारा पेट पर हल्के हाथ की मालिस करवाएं। मसाज के द्वारा पेट या उसके आस-पास होने वाला दर्द कम हो जाता है।
डिलीवरी के दौरान जोश में आकर कोई भी ऐसा व्यायाम ना करें जिससे आपको और भ्रूण को नुकसान हो।
नोट- किसी भी प्रकार का व्यायाम करने से पहले अपने चिकित्सक से इन व्यायाम के बारे में अच्छी तरह से जानकारी लेने के बाद ही व्यायाम करें।