क्या प्यार में डूबा रहता है दिमाग
अक्सर ये देखा गया है कि जब कोई किसी से
प्यार करता है तो वे हमेशा ही उसकी यादों में ही खोया रहता है। उसके दिमाग में
हमेशा ही प्यार ही घूमता रहता है। ऐसे में सवाल आता है कि
क्या प्यार में दिमाग
डूबा रहता है। क्या प्यार में आप किसी को अपना दिल दे चुके हैं? अगर हां, तो एक बात और गौर कीजिए। वैज्ञानिकों के मुताबिक प्यार
में इंसान दिल ही नहीं, दिमाग
भी दे बैठता
है।
शोधकर्ताओं के
मुताबिक प्यार में दिल की तरह दिमाग भी अहम भूमिका निभाता है।
शोधकर्ताओं ने पूर्व में प्यार को समझने के लिए मस्तिष्क पर हुए शोधों का भी
विश्लेषण किया। उन्होंने पाया कि किसी को चाहने के दौरान दिमाग के 12 क्षेत्र एक साथ काम करते हैं।
पांचवा हिस्सा
लगता है। शोधकर्ताओं ने पाया जब कोई व्यक्ति किसी के प्यार में पड़ता है,
तो मस्तिष्क के विभिन्न हिस्से कई रसायन जैसे
ऑक्सीटोसिन (इन्हें 'लव
हार्मोन' भी कहते हैं),
एडरनालीन और वासोप्रैसिंग स्रावित करते हैं, जो आक्रामकता का कारण होते हैं। अन्य
शोधों के
मुताबिक रक्त में नर्व ग्रोथ फैक्टर नामक प्रोटीन मस्तिष्क की कोशिकाओं के रखरखाव और
अस्तित्व के लिए जिम्मेदार होता है। शोधकर्ताओं की माने तो प्यार में अक्सर लोग दिल के साथ दिमाग
भी दे देता है और हम समय अपने प्यार के बारे में ही सोच कर खोये रहते हैं।
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