Tuesday, 17 March 2015

जन्म के बाद छह महीने तक स्तेनपान बच्चे के लिए है सबसे पोषक आहार

जन्म के बाद छह महीने तक स्तेनपान बच्चे के लिए जरूरी


अक्सर देखा गया है कि डिलीवरी के बाद मां का खान-पान का ध्यान नहीं रखा जाता जो न केवल मां बल्कि बच्चे दोनो के लिए ही उचित नहीं है। प्रसव के बाद भी मां को स्वोस्थ  आहार की जरूरत होती है क्योंकि प्रसव के बाद मां का शरीर कमजोर होता है और उसे स्त नपान भी कराना होता है जो बच्चे के लिए सबसे उचित आहार है।
http://www.jkhealthworld.com/hindi/%E0%A4%A8%E0%A4%B5%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%A4-%E0%A4%B6%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%81-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%AD%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A4%A8प्रसव के समय खून का अधिक स्राव होता है इसलिए प्रसव के बाद मां को अधिक पोषणयुक्त  आहार लेना चाहिए। मां को खाने में ताजे फल और हरी सब्जियों के साथ-साथ साबुत अनाज और दालें खाना चाहिए। इसके साथ ही मां को बच्चे  के पोषण का भी ध्याकन रखना पड़ता है। जैसे ही बच्चाे 6 महीने का होता है स्त‍नपान के अलावा उसे अन्यो पूरक आहार भी देना शुरू कर देना चाहिए।
छह महीने तक
बच्चे के जन्म से लेकर अगले 6 महीने तक मां का दूध ही सबसे अच्छा आहार है क्योंकि मां का दूध बच्चे के पोषण की सभी जरूरतों को पूरा करता। स्तनपान करने वाले बच्चे दूध पीने के हर दो से तीन घंटे के बाद भूख महसूस करते हैं क्योंकि मां का दूध आसानी से पच जाता है जबकि दूसरे स्रोत पर पले बच्चों को जल्दी भूख महसूस नहीं होती। यदि बच्चे के जन्म के पहले हफ्तों में वजन नहीं बढ़ता है तो आपको बच्चे को बार-बार खिलाना चाहिए।   
छह महीने बाद
छह महीने के बाद आप अपने बच्चें को स्तनपान के साथ उसे अर्द्ध ठोस आहार देना शुरू कर सकते हैं। इस दौरान बच्चेब को दाल का पानी पिला सकते हैं। दाल के पानी में विटामिन और कैल्शियम होता है जो बच्चेच के विकास के लिए जरूरी है।
कब दें ठोस आहार
ठोस आहार की शुरुआत का समय हर बच्चे में भिन्न हो सकता है। यदि बच्चे को दूध पिलाने के बीच में भूख लगने लगे और निगलने लगे, साथ ही आपको लगे कि वह ठीक से पचाने में सक्षम है तो आप यह जान जाऐंगे कि अपका बच्चा अर्द्ध ठोस के लिए तैयार है। नए खाद्य पदार्थों की शुरुआत के साथ स्तनपान की आदत को बदलना नहीं चाहिए। अर्द्ध ठोस आहार मैश्ड या शोरबे के रूप में होना चाहिए। शिशुओं को एक घटक वाली दाल भी दी जा सकती है। अपने बच्चे को खिलाना एक झंझट वाला काम हो सकता है जिसमें अधिकतर खाना बच्चे के खाने की बजाय उस पर गिर सकता है।
http://www.jkhealthworld.com/hindi/%E0%A4%A8%E0%A4%B5%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%A4-%E0%A4%B6%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%81-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%AD%E0%A5%8B%E0%A4%9C%E0%A4%A8बच्चे के विकास के साथ खिलायें
बच्चे को खिलाते समय एक बिब का प्रयोग करें और खिलाने के लिए एक छोटे से चम्मच का ध्यान रखें। बच्चेम को जल्दीग में न खिलायें, बल्कि उसे आराम से धीरे-धीरे खिलायें। शुरू में वह केवल कुछ चम्मच खाना ही खाएगा या उसे खाने के लिए भी मना कर सकता है। बच्चे पर खाने के लिए दबाव न डालें इसके बजाय कुछ दिनों के बाद कोशिश करें। छह महीने की उम्र तक आपके बच्चे को दूध पीने के साथ तीन बार भोजन देना शुरू करना चाहिए। आप अपने बच्चे को फल और सब्जियां देना शुरू कर सकते हैं।
छह से नौ महीने के बच्चे
बच्चे के सात से आठ माह का होने पर आप जो भोजन उसे दे रहे हैं उसकी बनावट बदल सकते हैं। इस दौरान बच्चेा को दलिया भी दिया जा सकता है। नौ महीने तक बच्चा् हल्के  खाने को आसानी से पचा सकता है। लकिन ध्याआन रहे इस दौरान ज्याैदा गरिष्ठन और मसालेदार आहार बिलकुल न दें।
नौ महीने से एक वर्ष 
अपने बच्चे को दिन में तीन बार भोजन खिलाना जारी रखें। जब आपका बच्चा एक वर्ष का हो जाए तो आप अपने बच्चे को गाय का दूध भी पिला सकते हैं। अपने बच्चे को सभी स्वस्थ भोजन के विकल्प उपलब्ध कराएं और उसे अपने आप खाने के लिए प्रोत्साहित करें और इस समय आप उसकी निगरानी कर सकते हैं। ठोस आहार खाने से आपके बच्चे को प्यास अधिक लग सकती है। उसके एक वर्ष का होने के बाद एक सिपर लेने का विचार कर सकते हैं।

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