Monday, 30 March 2015

योग टिप्स : शरीर से प्यार करना सीखें

योग टिप्स : शरीर से प्यार करना सीखें

शरीर और मन को यंत्र की तरह चलाते रहने में हम खुद को भी भूले रहते हैं। आज के व्यस्त जीवन शैली में व्यक्ति सेहत के प्रति तो लापरवाह रहता ही है साथ ही वह खुद क्या है यह भी भूलकर बेहोशी में ही जीवन व्यतित कर रहे हैं। जो लोग यह समझते हैं कि हम होश में जी रहे हैं उन्हें होश के स्तर का शायद ही पता हो। जीवन के ऐसे ही स्थिति के लिए हम यहां शरीर से प्यार करने का एक छोटा से योगा टिप्स बताने जा रहे हैं।
कभी कभी आपको लगता होगा कि अरे! कैसे वक्त गुजर गया पता ही नहीं चला। कभी लोगों को गौर से देखना http://www.jkhealthworld.com/hindi/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A3%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%AEवे किस तरह व्यस्तता से काम कर रहे हैं। योग इस व्यस्त जीवन के खिलाफ है। यम, नियम, योगासन और प्राणायाम से यह व्यस्त जीवन शैली खत्म हो जाती है और व्यक्ति के होश का स्तर बढ़ जाता है। फिर उसे शरीर और मन की हर हरकत का ध्यान रहता है।
हालांकि योग कहता है कि सेहत पाना है या मोक्ष- सबसे पहले शरीर को ही साधना होगा। इसीलिए योगासन किए जाते हैं। शरीर को साधने के पहले क्या आपने कभी स्वयं के शरीर से प्यार किया है? यह बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल है। लोग अपने अपनों से प्यार जरूर करते होंगे लेकिन खुद से प्यार करना भी जरूरी है।
सचमुच ही दुनिया की सबसे बड़ी दौलत तो आपका शरीर ही है और आप मन के पीछे भागते रहते हैं। जरा शरीर की भी तो खैर खबर लें। जब रोग होता है तभी शरीर के होने का पता चलता है, तभी उसकी की याद आती है। लोग शरीर में सिर्फ चेहरे की ही देखरेख करते हैं बाकी अंग तो सभी उपेक्षा के शिकार हैं।
ऐसे करें शरीर से प्यार : कभी शरीर को दर्पण के सामने खड़े होकर निहारें और सचमुच ही उसका सम्मान करें। कभी दाएं हाथ से बाएं हाथ को छूकर प्यार करें, फिर बांएं से दाएं को। इसी तरह पैरों को एक दूसरे से छूकर प्यार करें। दाएं कंधे को बाएं हाथ से और बाएं कंधे को दाएं हाथों की हथेलियों से छूकर दबाएं और सहलाएं। इसी तरह चेहरे को और फिर अन्य अंगों को छूकर उन्हें प्यार करें। यह कारगर स्पर्श योगा है।
शरीर को बाचाएं कष्टों से : शरीर को हर तरह के कष्टों से बचाने का प्रयास करें- जैसे धूल, धुंवा, प्रदूषण, तेज धूप, ठंड, गलत खानपान आदि। खासकर शरीर मन के कष्टों से बहुत प्रभावित होता है। योग में कहा गया है कि क्लेश से दुख उत्पन्न होता है दुख से शरीर रुग्ण होता है। रुग्णता से स्वास्थ्य और सौंदर्य नष्ट होने लगता है।
http://www.jkhealthworld.com/hindi/%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%A3%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%AEतो शरीर को प्रतिदिन प्यार करें, दुलार करें और उसे हर तरह के कष्टों से बचाएं। सचमुच दवा से ज्यादा असर इस प्यार में हैं।
इसके अलावा यदि ये नियम पालना चाहें तो....
आहार : पानी का अधिकाधिक सेवन करें, ताजा फलों के जूस, दही की छाछ, आम का पना, इमली का खट्टा-मीठा जलजीरा, बेल का शर्बत आदि तरल पदार्थों को अपने भोजन में शामिल करें। ककड़ी, तरबूज, खरबूजा, खीरा, संतरा, बेल तथा पुदीने का भरपूर सेवन करते हुए मसालेदार या तैलीय भोज्य पदार्थ से बचें।
योगा पैकेज : नौकासन, हलासन, ब्रह्म मुद्रा, पश्चिमोत्तनासन, सूर्य नमस्कार। प्राणायम में शीतली, भ्रामरी और भस्त्रिका या यह नहीं करें तो नाड़ी शोधन नियमित करें। सूत्र और जल नेति का अभ्यास करें। मूल और उड्डीयन बंध का प्रयोग भी लाभदायक है। पांच मिनट का ध्यान अवश्य करें।

कुछ इस तरह रखें गर्मियों त्वचा का ख्याल

कुछ इस तरह रखें गर्मियों त्वचा का ख्याल

गर्मी बहुत तेज पड़ रही हैं और इसका साफ-साफ असर हमारी त्वचा पर दिखने लगा है। ऐसे में आपको अपनी त्वचा के लिए थोड़ा सा समय निकालना होगा। गर्मियों में त्वचा की देखभाल करना बहुत ही जरुरी है। धूप हमारे चेहरे की रंगत छीन लेती है। गर्मियों में कैसे करें सौंदर्य की देखभाल, आइये जानें-
-चंदन को प्राकृतिक और सौंदर्यवर्धक माना जाता रहा है, क्योंकि यह ठंडा होता है। इसके अलावा यह सनबर्न से बचाव करता है। चंदन का तेल एक प्राकृतिक सनस्क्रीन होता है।
-गर्मी के दिनों में चेहरे पर खीरे का रस लगायें। झुलसी हुई त्वचा के लिए यह फायदेमंद है।
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-गर्मियों में त्वचा की देखभाल के लिए एक चुटकी कपूर को थोड़े से शहद में मिलाकर इससे चेहरा धोयें, चेहरा खिल उठेगा।
-गर्मी के मौसम में नहाने से पहले फेस पर नीम या गुलाब का फेस पैक लगाएं और सूख जाने पर ताजे पानी से साफ कर लें।
-त्वचा पर बर्फ रगडऩे से चेहरे से धब्बे और पिंपल दूर होते हैं।
-गुलाब जल को आईस-ट्रे में जमाकर बर्फ की क्यूब्स को आंखों के इर्द-गिर्द रगडऩा चाहिए। गुलाब जल थकी हुई त्वचा को तरोताजा करता है।
-गर्मी के समय दिन में अगर आप 4 घंटे से भी ज्यादा धूप में रहती हैं, तो फेस पर अच्छी तरह सनस्क्रीन लोशन लगाएं

लाभदायक योगासन

लाभदायक योगासन


यह कुछ आसनों का क्रम है। इसे क्रम से करने से सभी तरह के रोगों में लाभ पाया जा सकता है। जिन्हें अपनी बॉडी को फिट रखकर सेहतमंड बने रहना है वह इन आसनों को क्रम से नियमित करते रहेंगे तो हमेशा तरोजाता बने रहेंगे।
स्टेप 1- नमस्कार मुद्रा करते हुए नटराजासन, एकपाद आसन, कटि चक्रासन, उत्कटासन करने के बाद पुन: नमस्कार मुद्रा में लौटकर, चंद्रासन, अर्ध उत्तनासन और फिर पादस्तासन करते हुए पुन: चंद्रासन करके नमस्कार की मुद्रा में लौट आएँ।
स्टेप 2- नमस्कार मुद्रा के बाद अर्ध उत्तनासन और फिर दाएँ पैर को पीछे ले जाकर हनुमान करें फिर अधोमुख श्‍वानासन करते हुए बाएँ पैर को आगे रखते हुए पुन: हनुमानासन करते हुए विरभद्रासन-1 करें। फिर प्रसारिता पादोत्तनासन करें। प्रसारिता पादोत्तनासन के बाद फिर कोहनी को घुटने पर टिकाते हुए उत्थिष्ठ पार्श्वकोणासन करें।
स्टेप 3- उत्थिष्ठ पार्श्वकोणासन के बाद फिर पुन: हनुमानासन करते हुए अधोमुख श्वानासन करें। अब दाएँ पैर को सामने रखते हुए पुन: हनुमान आसन करते हुए विरभद्रासन-1 करें। विरभद्रासन के बाद फिर प्रसारिता पादोत्तनासन करें। फिर कोहनी को घुटने पर टिकाते हुए उत्थिष्ठ पार्श्वकोणासन करें।
स्टेप 4- उत्थिष्ठ पार्श्वकोणासन के बाद पुन: हनुमान आसन में लौटकर अधोमुख श्‍वानासन में आकर मार्जायासन और फिर बिटिलियासन करें।
स्टेप 5- बिटिलियासन के बाद, वज्रासन में बैठ जाएँ। वज्रससन में बैठकर योग मुद्रा, उष्ट्रासन, भारद्वाजासन, आंजेनेय आसन, दंडासन, बंधकोणासक, वक्रासन, पवन मुक्तासन और नौकासन करें।
स्टेप 6- नौकासन के बाद पुन: नमस्कार मुद्रा में लौट आएँ और फिर चतुरंग दंडासन, भुजंगआसन, धनुरासन करते हुए मकरासन में लेट जाएँ।
स्टेप 7- मकरासन के बाद शवासन करते हुए पादअँगुष्‍ठासन, विपरितकर्णी आसन, आनंद बालासन, हलासन, पवन मुक्तासन, सेतुबंध आसन, मत्स्यासन करते हुए पुन: शवासन में लौट आएँ। शवासन में कुछ देर आराम करने के बाद उठ जाएँ।
कुल आसन : 36
अवधि : 30 मिनट 
  1. http://www.jkhealthworld.com/hindi/%E0%A4%86%E0%A4%B8%E0%A4%A8नटराजासन,
  2. एकपाद आसन,
  3. कटि चक्रासन
  4. उत्कटासन
  5. चंद्रासन,
  6. अर्ध उत्तनासन,
  7. पादहस्तासन
  8.  हनुमान आसन
  9. अधोमुख श्‍वानासन
  10. विरभद्रासन
  11. प्रसारिता पादोत्तनासन
  12. उत्थिष्ठ पार्श्वकोणासन।
  1. http://www.jkhealthworld.com/hindi/%E0%A4%86%E0%A4%B8%E0%A4%A8मार्जायासन
  2. बिटिलियासन
  3. वज्रासन
  4. योग मुद्रा,
  5. उष्ट्रासन
  6. भारद्वाजासन
  7. आंजेनेय आसन,
  8. दंडासन,
  9. बंधकोणासक
  10. वक्रासन
  11. पवन मुक्तासन
  12. नौकासन।
  1. http://www.jkhealthworld.com/hindi/%E0%A4%86%E0%A4%B8%E0%A4%A8चतुरंग दंडासन
  2.  भुजंगआसन
  3. धनुरासन
  4. मकरासन
  5. शवासन
  6. पादअँगुष्ठासन,
  7. विपरितकर्णी आसन,
  8. आनंद बालासन,
  9. हलासन
  10. सेतुबंध आसन
  11. मत्स्यासन
  12. शवासन।

Saturday, 28 March 2015

गर्मियों के मौसम में कैसे रखें अपना ख्याल

गर्मियों के मौसम में कैसे रखें अपना ख्याल


जहां तक संभव हो सके, ताजे भोजन को ही तरजीह दें। ज्ञात रहे इस मौसम में सब्जी, दालें जल्दी खराब हो जाती हैं। अतः ठंडा एवं बासी भोजन आपका स्वास्थ्य खराब कर सकता है।
मौसमी फलों का सेवन अत्यधिक करें। गर्मी में आम, खरबूजा, तरबूज, संतरा, मौसंबी, अंगूर एवं ककड़ी बहुतायत में मिलती हैं। इनसे आपको गर्मी से सुकून तो मिलेगा ही आपको तरोताजा बनाए रखने में भी ये http://www.jkhealthworld.com/main/all-health-tipsमददगार साबित होंगे।
ज्यादा मात्रा में चाय या कॉफी को महत्व न देते हुए नींबू की मीठी शिकंजी, कच्चे आम का पना, मट्ठा (छाछ), गन्ने के रस को प्राथमिकता दें। इससे आपको ऊर्जा तो मिलेगी ही आप शीतलता का अहसास भी करेंगे।
कैरी पने के सेवन से लू से भी बचा जा सकता है। याद रहे, फ्रीज के ठंडे पानी के बजाए मटके का ठंडा पानी ही पिएं।

तुलसी के क्या-क्या होते हैं फायदे जानिए इस पोस्ट में

तुलसी के फायदे


तुलसी में अनेक औषधीय गुण होते हैं जो हृदय रोग और सर्दी जुकाम में लाभकार होता है।
1- सर्दी जुकाम में लाभप्रद
सर्दी जुकाम होने पर तुलसी की पत्तियों को चाय में उबालकर पीने से राहत मिलती है। तुलसी का अर्क तेज बुखार को कम करने में भी कारगर साबित होता है।
2- कफ
करीब सभी कफ सीरप को बनाने में तुलसी का प्रयोग किया जाता है। तुलसी की पत्तियां कफ साफ करने में मदद करती हैं। इसके के कोमल पत्तों को चबाने से खांसी और नजले से राहत मिलती है।
3- गले की खराश
चाय की पत्तियों को उबालकर पीने से गले की खराश दूर हो जाती है। इस पानी को आप गरारा करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
http://www.jkhealthworld.com/hindi/%E0%A4%A4%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A4%B8%E0%A5%804- श्वास की समस्या
श्वास संबंधी समस्याओं का उपचार करने में तुलसी विशेष उपयोगी होती है। शहद, अदरक और तुलसी को मिलाकर बनाया गया काढ़ा पीने से ब्रोंकाइटिस, दमा, कफ और सर्दी में राहत मिलती है। नमक, लौंग और तुलसी के पत्तों से बनाया गया काढ़ा इंफ्लुएंजा (एक तरह का बुखार) में फौरन राहत देता है।
5- गुर्दे की पथरी
तुलसी गुर्दे को मजबूत बनाती है। यदि किसी के गुर्दे में पथरी हो गई हो तो उसे शहद में मिलाकर तुलसी के अर्क का नियमित सेवन करना चाहिए। छह महीने में फर्क दिखेगा।
6- हृदय रोग
तुलसी खून में कोलेस्ट्राल के स्तर को घटाती है। ऐसे में हृदय रोगियों के लिए यह खासी कारगर साबित होती है।
7- बच्चों के लिए रामबाण
बच्चों में बुखार, खांसी और उल्टी जैसी सामान्य समस्याओं में तुलसी बहुत फायदेमंद है।
8- तनाव
तुलसी की पत्तियों में तनाव रोधीगुण भी पाए जाते हैं। हाल में हुए शोधों से पता चला है कि तुलसी तनाव से बचाती है। तनाव को खुद से दूर रखने के लिए कोई भी व्यक्ति तुलसी के 12 पत्तों का रोज दो बार सेवन कर सकता है।
9- मुंह का संक्रमण
अल्सर और मुंह के अन्य संक्रमण में तुलसी की पत्तियां फायदेमंद साबित होती हैं। रोजाना तुलसी की कुछ पत्तियों को चबाने से मुंह का संक्रमण दूर हो जाता है।
10- त्वचा रोग
दाद, खुजली और त्वचा की अन्य समस्याओं में तुलसी के अर्क को प्रभावित जगह पर लगाने से कुछ ही दिनों में रोग दूर हो जाता है। नैचुरोपैथों द्वारा  ल्यूकोडर्मा का इलाज करने में तुलसी के पत्तों को सफलता पूर्वक इस्तेमाल किया गया है।
11- सांसों की दुर्गध
तुलसी की सूखी पत्तियों को सरसों के तेल में मिलाकर दांत साफ करने से सांसों की दुर्गध चली जाती है। पायरिया जैसी समस्या में भी यह खासा कारगर साबित होती है।
12- सिर का दर्द
सिर के दर्द में तुलसी एक बढि़या दवा के तौर पर काम करती है। तुलसी का काढ़ा पीने से सिर के दर्द में आराम मिलता है।
13- आंखों की समस्या    
आंखों की जलन में तुलसी का अर्क बहुत कारगर साबित होता है। रात में रोजाना श्यामा तुलसी के अर्क को दो बूंद आंखों में डालना चाहिए।