शारीरिक विकास
गर्भावस्था में महिलाओं द्वारा मछली के तेल के सेवन से गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क और आंखों के विकास में सुधार होता है। इस तेल में डी एच ए की उपस्थिति के कारण गर्भस्थ शिशु के शारीरिक विकास में भी सहायता मिलती है।
स्वस्थ और हेल्थी बच्चे का जन्म
मछली के तेल के सही उपयोग से होने वाले बच्चे का विकास सही तरह से होता है, इतना ही नहीं, इस तेल के सेवन से एक स्वस्थ और हेल्थी बच्चे, को जन्म देने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
दिमाग का उचित विकास
मछली के तेल में ओमेगा-3 और डीएचए पाए जाने के कारण बच्चे के दिमाग का उचित विकास करने में मदद मिलती है। ऐसे में बच्चा सामान्य बच्चों से अधिक तेज होता है।
रक्त परिसंचरण का सकारात्मक रूप
मछली के तेल से एक और जहां स्वस्थ शिशु को जन्म दिया जा सकता है वही, यह तेल गर्भवती महिलाओं को आहार का एक भाग भी प्रदान करता है। इतना ही नहीं इससे ऑक्सीजन और पोषक तत्वों के बीच रक्त परिसंचरण को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
विकार की संभावनाएं खत्म
शोधों में भी ये बात साबित हो चुकी है कि मछली के तेल के उपयोग से गर्भ में पल रहे बच्चे के मस्तिष्क विकास और हाथों और आंखों जैसे अंगों को काफी मजबूती मिलती है। इतना ही नहीं इन बच्चों के रक्त में ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा पर्याप्त होती है जो जिससे बच्चे में किसी भी विकार के होने की संभावनाएं खत्म हो जाती है।
शरीर और हड्डियों में मजबूती
जो गर्भवती महिलाएं ठीक से खान-पान नहीं कर पाती उनके लिए मछली के तेल का सेवन बहुत जरूरी है। मछली के तेल का न सिर्फ सेवन ही लाभकारी है बल्कि गर्भवती महिला व शिशु की भी इस तेल से मालिश करने से शरीर में और हड्डियों में मजबूती आती है। महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान ओमेगा-3 की अतिरिक्त खुराक लेती हैं उनके बच्चों की त्वचा रूखी नहीं होती।
गर्भावस्था में महिलाओं द्वारा मछली के तेल के सेवन से गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क और आंखों के विकास में सुधार होता है। इस तेल में डी एच ए की उपस्थिति के कारण गर्भस्थ शिशु के शारीरिक विकास में भी सहायता मिलती है।

मछली के तेल के सही उपयोग से होने वाले बच्चे का विकास सही तरह से होता है, इतना ही नहीं, इस तेल के सेवन से एक स्वस्थ और हेल्थी बच्चे, को जन्म देने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
दिमाग का उचित विकास
मछली के तेल में ओमेगा-3 और डीएचए पाए जाने के कारण बच्चे के दिमाग का उचित विकास करने में मदद मिलती है। ऐसे में बच्चा सामान्य बच्चों से अधिक तेज होता है।

मछली के तेल से एक और जहां स्वस्थ शिशु को जन्म दिया जा सकता है वही, यह तेल गर्भवती महिलाओं को आहार का एक भाग भी प्रदान करता है। इतना ही नहीं इससे ऑक्सीजन और पोषक तत्वों के बीच रक्त परिसंचरण को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
विकार की संभावनाएं खत्म

शरीर और हड्डियों में मजबूती
जो गर्भवती महिलाएं ठीक से खान-पान नहीं कर पाती उनके लिए मछली के तेल का सेवन बहुत जरूरी है। मछली के तेल का न सिर्फ सेवन ही लाभकारी है बल्कि गर्भवती महिला व शिशु की भी इस तेल से मालिश करने से शरीर में और हड्डियों में मजबूती आती है। महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान ओमेगा-3 की अतिरिक्त खुराक लेती हैं उनके बच्चों की त्वचा रूखी नहीं होती।
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